भारत सरकार ने टैक्स से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए 2020 में विवाद से विश्वास कार्यक्रम की शुरुआत की थी। कार्यक्रम का लक्ष्य करदाताओं के लिए लंबी और महंगी कानूनी प्रक्रियाओं के बिना अपने विवादों को सुलझाना आसान और कम खर्चीला बनाना था।
इस कार्यक्रम के तहत, करदाताओं को मुकदमे का सामना किए बिना विवादित राशि और कम जुर्माना देकर अपने मुद्दों को हल करने का मौका दिया गया था। इसे भारत में कारोबार करना आसान बनाने और करदाताओं के मुकदमों के बोझ को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा गया।
विवाद से विश्वास कार्यक्रम में सभी अनसुलझे कर विवाद शामिल थे, जिनमें आयकर आयुक्त (अपील), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण और उच्च न्यायालयों जैसे विभिन्न स्थानों पर लंबित मामले भी शामिल हैं। कार्यक्रम का उपयोग करने वाले करदाताओं को केवल विवादित राशि और कम जुर्माना देना पड़ता था, जिससे उनका समय, धन और लंबी कानूनी कार्यवाही से जुड़ी अनिश्चितता बच जाती थी।
यह कार्यक्रम सीमित समय के लिए ही उपलब्ध था और इसका लाभ उठाने वाले करदाताओं को एक सरल और परेशानी मुक्त समाधान प्रक्रिया का वादा किया गया था। सरकार ने इस कार्यक्रम की शुरुआत अनसुलझे कर विवादों को सुलझाने और कर प्रणाली में मामलों की संख्या को कम करने के उद्देश्य से की थी।
अंत में, विवाद से विश्वास कार्यक्रम कर विवादों को हल करने और करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाया गया एक आवश्यक और समय पर उठाया गया कदम था। लक्ष्य मुकदमों को कम करके और भारत में व्यापार करना आसान बनाकर करदाताओं के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाना था। यह कार्यक्रम बड़ी संख्या में अनसुलझे कर विवादों को हल करने में सफल रहा और इसे करदाताओं और व्यापारिक समुदाय ने खूब सराहा।