Birsa Munda Krishi Kranti Yojana 2021 बिरसा मुंडा कृषी क्रांती योजना २०२०-२१
बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना राज्य सरकार के निर्णय से 30 दिसंबर 2017 को राज्य में लागू एक आदिवासी उप-योजना है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा नए कुओं की खुदाई, पंप सेट, पुराने कुओं की मरम्मत, इनवेल बोरिंग, बिजली कनेक्शन का आकार, खेत के तालाबों का प्लास्टिककरण, सूक्ष्म सिंचाई सेट, पारस उद्यान आदि के लिए सब्सिडी दी जाती है।
- 10 नवंबर, 2020 के सरकारी परिपत्र के अनुसार, वित्त विभाग ने इस योजना के लिए 100% धनराशि प्रदान करने की मांग की थी। इस योजना के लिए राशि आदिवासी विकास विभाग द्वारा संबंधित जिला परिषद को स्वीकृत की जाती है।
- चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 116.09 करोड़ का बजट रखा गया है। कोविड-19 की पृष्ठभूमि में सरकार के दिनांक 4 मई, 2020 के परिपत्र के अनुसार उक्त निधि का 33 प्रतिशत अर्थात 38.31 करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया है। कृषि आयुक्त ने 77.78 करोड़ रुपये की स्वीकृति का अनुरोध किया था।
- चालू वर्ष के लिए हितग्राहियों के चयन एवं क्रियान्वयन के संबंध में शासन का निर्णय सरकार द्वारा संबंधित जिला योजना समिति को दिये गये अधिकार के अनुसार होगा।
बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना सरकार संकल्प 12 फरवरी 2021-
जीआर के अनुसार वर्ष 2020-21 में प्रशासन ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लाभार्थी किसानों (क्षेत्र के भीतर और बाहर) के लिए 26 करोड़ 33 लाख रुपये आउट-ऑफ-एरिया उप-योजना के लिए और रु।
सरकार द्वारा स्वीकृत अनुदान राशि लाभार्थी किसान के आधार से जुड़े बैंक खाते में इलेक्ट्रॉनिक रूप से जमा की जाएगी।
इस योजना के लिए राशि का वितरण आदिवासी विभाग के माध्यम से संबंधित जिला परिषदों को किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन हेतु संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की जायेगी।
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बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना सरकारी संकल्प 8 मार्च 2021-
सरकार ने 8 मार्च, 2021 को महाडीबीटी प्रणाली द्वारा लागू बिरसा मुंडा कृषि क्रांति (इन-एरिया और आउट-ऑफ-एरिया) योजना में प्रत्येक जिले के लिए पीएफएमएस सिस्टम से जुड़ा एक अलग बैंक खाता खोलने की मंजूरी दी है।
- शासनादेश में उल्लेख किया गया है कि इस योजना के लिए खाता केवल वित्त विभाग द्वारा अनुमोदित राष्ट्रीयकृत बैंक में ही खोला जाना चाहिए।
- इस योजना के लिए बैंक खोलने के बाद प्राप्त राशि का उपयोग केवल इस योजना के कार्यान्वयन के लिए किया जा सकता है।
- बैंक खाते के लेनदेन का मासिक या त्रैमासिक ऑडिट किया जाना चाहिए।
- यदि बैंक खाता बंद है, तो शेष राशि को नियोजित सरकारी खाता शीर्ष के अंतर्गत यथाशीघ्र जमा किया जाना चाहिए।
- इस योजना के लिए प्राप्त अनुदान योजना के प्रशासनिक निर्णय के अनुमोदन के अनुसार निर्धारित अवधि के लिए और उसके बाद शासन के अनुमोदन के अनुसार खर्च किया जाना चाहिए। यदि विस्तार प्रदान नहीं किया गया है, तो बैंक खाते में खर्च की गई राशि को सरकार को समायोजित किया जाना चाहिए।
- बैंक खाते से पीएफएमएस के अलावा कोई वित्तीय लेनदेन नहीं करना चाहिए। ऐसा करना वित्तीय अनियमितता माना जाएगा।
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